गरीब नगर निगम के नवाबी खर्चे

जयपुर। जयपुर नगर निगम आर्थिक तंगी से जूझ रहे जयपुर नगर निगम में पैसे और पद का दुरुपयोग खुलेआम देखा जा रहा है यहां नगर निगम की 29 समितियों के अध्यक्षों के साथ अन्य लोगों को भी बेहिसाब और बेलगाम खर्च करने की सुविधा दी गई है और यह सुविधा जयपुर नगर निगम अपने कंधों पर ढो कर अध्यक्षों एवं अधिकारियों की बेबसी का नमूना बना हुआ है सरकारी और टैक्सी नगर निगम के तौर पर लगभग 170 से ज्यादा वाहन नगर निगम की अधिकारियों और अध्यक्षों की सेवा में हाजिर है जिस का खर्चा जयपुर की जनता बदबूदार और कीचड़ में रहकर सुविधा के नाम पर दिए जाने वाले टैक्स के रूप में किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन गाडियों के उपयोग ऐसे लोग कर रहे हैं जो इनके पात्र ही नहीं है कुछ समय पूर्व तक जयपुर नगर निगम की उपमहापौर तक को गाड़ी की सुविधा मिली हुई थी तथा पर्दे के पीछे से यह खर्च नगर निगम उठा रहा था वह तो भला हो वर्तमान जयपुर नगर निगम के महापौर का जिन्होंने अपने मजबूत हाथों से आदेश तमिल करवा कर उपमहापौर की गाड़ी पर बैन लगवा दिया। मार्च 2019 में महापौर विष्णु लाटा ने सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग को लेकर उप महापौर के खिलाफ स्वायत शासन विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर उनके विरुद्ध गरीब नगर निगम के... बिगुल बजा चुके थे। सरकारी गाड़ी का उपयोग करने के लिए महापौर और नगर निगम आयक्त को ही अधिकत श्रेणी में रखा हआ है परंत अतिरिक्त आयक्त भी सरकारी गाडी का टी शायोग करते हैं नशा न सरकारी गाडियों में अधिकारियों और अध्यक्षों की पत्नियों के साथ अन्य लोगों को भी गाडी में घमते हुए देखा गया है जो जनता की कीचड में रहने वाले लोगों की दी जाने वाली टैक्स से जनता के सीने पर मंग दलते हए देखा गया है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 170 गाड़ियां जयपुर की जनता को चिढ़ाने के लिए इधर से उधर अधिकारियों और अध्यक्षों की सुविधा के लिए लगी हुई है प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम इस मद  पर लगभग 4000000 लाख रुपये खर्च करता है इनमें कई अधिकारी और चेयरमैन ऐसे भी है जो गाड़ी का उपयोग नहीं करते हैं लेकिन उनके खाते में महीने में राशि गाडी उपयोग नहीं करने की एवज में डाल दी जाती है लगभग 24 हजार रुपए प्रत्येक टैक्सी के खर्च की संभावना है यह सारा पैसा निगम द्वारा अपने कोषालय से निकाल कर सुविधा पर खर्च किया जा रहा है जिसका कोई औचित्य ही नहीं है निगम की गाड़ियां सब्जी मंडी के अलावा अन्य ऐसे स्थानों पर भी देखी गई है जहां निगम के अध्यक्षों अथवा अधिकारियों के बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते हैं उनको लाने ले जाने के लिए भी इन गाड़ियों का उपयोग बड़ी इज्जत और आबरू के साथ किया जाता है गाड़ी को चलाने के लिए ड्राइवर और गार्ड भी इनकी सेवा में रहता है क्योंकि यह इतना महत्वपूर्ण कार्य करते हैं कि इन्हें प्रत्येक सेकंड कार्य से फर्सत नहीं मिलती तथा इनका कीमती वक्त बचाने के लिए जनता अपना धन टैक्स के रूप में देकर इनकी सुविधाओं ध्यान रखना जयपुर की जनता का पहला कर्तव्य है और यह जनता की दरियादिली और समर्पण है कि खुद कीचड़ युक्त पानी और बदबूदार गंदगी में रहकर माननीय अध्यक्षों और अधिकारियों को सुविधाएं देना ही जयपुर की जनता का पहला उद्देश्य है।